Maaen Ni Main

मन में रखू
तुमरा मन जले
और कहूं तो मुख जल जाए
गुगें को सपनो भय
जो समझ-समझ पछताए
लकड़ी जली
जल कोयला भयी
कोयला जला बिन राख
बिरहन ऐसी जली
ना कोयला भयी
ना राख



Credits
Writer(s): Shah Hussain, Hans Raj Hans
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