Sundarta Ke Sabhi Shikari

शिकारी
शिकारी

सुंदरता के सभी शिकारी
सुंदरता के सभी शिकारी
कोई नहीं है पुजारी
कोई नहीं है पुजारी
सुंदरता के सभी शिकारी

महल दो महलों बिच खड़ी
कोई चंद्र किरण सी नारी
छल से, बल से...
छल से, बल से तन-मन, जोबन
लूटे, हाए, शिकारी

सुंदरता के सभी शिकारी
सुंदरता के सभी शिकारी

बाग़-बगीचों खिली कली तो
आया वही शिकारी
देख-देख जी भरा ना उसका
चुन ली कलियाँ सारी

सुंदरता के सभी शिकारी
सुंदरता के सभी शिकारी

बन-उपवन में सुंदर हिरनी
दौड़-दौड़ कर हारी
देख के कंचन काया उसकी
पीछे पड़ा शिकारी

सुंदरता के सभी शिकारी
सुंदरता के सभी शिकारी



Credits
Writer(s): Bulo C. Rani, Pt. Indra
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