Woh Beete Din (From "Purana Mandir") - Female Version

वो बीते दिन याद हैं, वो पलछीन याद हैं
गुज़ारे तेरे संग जो, लगा के तुझे अंग जो
बाँहों में तेरी सिमटना वो मेरा
ज़ुल्फ़ों में मेरी लिपटना वो तेरा
समय सब ले गया, बस यादें दे गया
क्यूँ टूटे सपने?

वो गुज़री ज़िंदगी, तेरी-मेरी ख़ुशी
मोहब्बत का जहाँ, वो चाहत का समाँ
सरकती चिलमनें, बहकती धड़कनें
वो नग़में साथ-साथ, जो हमने थे बुने
वो थक के सो गए, हवा में खो गए
क्यूँ टूटे सपने?

वो बीते दिन याद हैं, वो पलछीन याद हैं
गुज़ारे तेरे संग जो, लगा के तुझे अंग जो
दूरी भी नहीं, मगर हम दूर हैं
यादों से बँधे हम मजबूर हैं
क्या खोया, क्या मिला, करें अब क्या गिला
क्यूँ टूटे सपने, सपने, सपने?



Credits
Writer(s): Amit Khanna, Ajit Singh
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