Khuda Hai Tere Andar

बस एक चिंगारी से आग लगती है
वो चिंगारी तो सोई है तेरे ही सीने में
ज़माना जैसा है उसे वैसे ही रहने दे
बताओ ना, मज़ा ही क्या है ऐसे जीने में?

बस एक चिंगारी से आग लगती है
वो चिंगारी तो सोई है तेरे ही सीने में

करता है क्यूँ शिक़ायतें? पहले सुधार आदतें
एक-एक बूँद से ही बनता है समंदर
ख़ुद पहला क़दम उठा, ख़ुद अपनी क़सम तो खा
तुझ को पता नहीं, ख़ुदा है तेरे अंदर

नाकामियों के बहाने हज़ारों हैं, किसका क़ुसूर कहें?
पर ज़िम्मेदारी हमारी भी बनती है, इतना ज़रूर कहें
जो हो रहा है वो आँखों के आगे है, नज़रें क्यूँ फेर लें हम?
अपने इरादों से मंज़र बदलने का सर पे सुरूर रहे
मेरे यारा, मेरे यारा, सुन ले दिल की पुकार ज़रा

सच्चाइयाँ सारी नज़दीक हैं तेरे
जो ढूँढे तू, मिलेंगी वो तुझे आईने में
ज़माना जैसा है उसे वैसे ही रहने दे
बताओ ना, मज़ा ही क्या है ऐसे जीने में?

करता है क्यूँ शिक़ायतें? पहले सुधार आदतें
एक-एक बूँद से ही बनता है समंदर
ख़ुद पहला क़दम उठा, ख़ुद अपनी क़सम तो खा
तुझ को पता नहीं, ख़ुदा है तेरे अंदर

तुझ को पता नहीं, ख़ुदा है तेरे अंदर
तुझ को पता नहीं, ख़ुदा है तेरे अंदर



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya, Shankar Ehsaan Loy
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