Dhadak Dhadak (From "Bunty Aur Babli")

ये world है ना world
इसमें दो तरह के लोग होते हैं
एक, जो सारी ज़िंदगी एक ही काम करते
और दूसरे जो एक ही ज़िंदगी में सारे काम कर देते हैं
ये मैं नहीं, ये वो दोनों कहते थे
और कहते क्या थे, करते थे
और ऐसा करते थे, जैसा ना किसी ने किया
और न शायद कोई कर पाएगा

छोटे-छोटे शहरों से, खाली भोर दुपहरों से
हम तो झोला उठा के चले
बारिश कम-कम लगती है, नदियाँ मद्धम लगती है
हम समंदर के अंदर चले
छोटे-छोटे शहरों से, खाली भोर दुपहरों से
हम तो झोला उठा के चले
बारिश कम-कम लगती है, नदियाँ मद्धम लगती है
हम समंदर के अंदर चले

ओ हो हो, हम चले, हम चले, ओए रामचंद रे
हम चले, हम चले, ओए रामचंद रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, धुआँ उड़ाए रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, सिटी बजाये रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, धुआँ उड़ाए रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, मुझे बुलाये रे

ज़रा रास्ता तो दो, थोड़ा सा बादल चखना है
बड़ा-बड़ा कोयले से नाम फ़लक पे लिखना है
चाँद से होकर सड़क जाती है
उसी पे आगे जा के अपना मकाँ होगा
चाँद से होकर सड़क जाती है
उसी पे आगे जा के अपना मकाँ होगा

ओ हो हो, हम चले, हम चले, ओए रामचंद रे
हम चले, हम चले, ओए रामचंद रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, धुआँ उड़ाए रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, सिटी बजाये रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, धुआँ उड़ाए रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, मुझे बुलाये रे

छोटे-छोटे शहरों से, खाली भोर दुपहरों से
हम तो झोला उठा के चले
छोटे-छोटे शहरों से, खाली भोर दुपहरों से
हम तो झोला उठा के चले
बारिश कम-कम लगती है, नदियाँ मद्धम लगती है
हम समंदर के अंदर चले

हो-हो, हम चले, हम चले, ओए रामचंद रे
हम चले, हम चले, ओए रामचंद रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, धुआँ उड़ाए रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, सिटी बजाये रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, धुआँ उड़ाए रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, तुझे बुलाये रे

आ तो चले सर पे लिए अंबर की ठंडी फुँकारिया
हम ही ज़मीं, हम आसमां
क़स्बा कस्मा नु खाये बाक़ी जहां
चाँद का टिका, मत्थे लगा के
रात दिन तारों में, जीना-वीना easy नहीं
चाँद का टिका, मत्थे लगा के
रात दिन तारों में, जीना-वीना easy नहीं

ओ हो हो, हम चले, हम चले, ओए रामचंद रे
हम चले, हम चले, ओए रामचंद रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, धुआँ उड़ाए रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, सिटी बजाये रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, धुआँ उड़ाए रे
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, तुझे बुलाये रे

धड़क-धड़क, धड़क-धड़क
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क
धुआँ उड़ाए, धुआँ उड़ाए, सिटी बजाये रे
सिटी बजाये, सिटी बजाये, धुआँ उड़ाए रे

ऐ धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, धड़क-धड़क
धड़क-धड़क, धड़क-धड़क, धड़क-धड़क
मुझे बुलाये रे
मुझे बुलाये रे



Credits
Writer(s): Ehsaan Loy Shankar, Gulzar Unknown Composer
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