Kahin To

कहीं तो, कहीं तो, होगी वो
दुनिया जहाँ तू मेरे साथ है
जहाँ मैं, जहाँ तू
और जहाँ, बस तेरे मेरे जज़्बात है
होती जहाँ सबा तेरी
पलकों की, किरणों में

लोरी जहाँ चाँद की
सुने तेरी बाहों में

जाने ना कहाँ वो दुनिया है

जाने ना वो है भी या नही
जहाँ मेरी ज़िन्दगी मुझसे
इतनी खफ़ा नही
जाने ना कहाँ वो दुनिया है

जाने ना वो है भी या नही
जहाँ मेरी ज़िन्दगी मुझसे
इतनी खफ़ा नही

साँसें खो गई है किसकी आहों में
मैं खो गई हूँ जाने किसकी बाहों में
मंजिलों से राहें ढूँढती चली
खो गई है मंजिल कहीं राहों में
कहीं तो, कहीं तो, है नशा
तेरी मेरी हर मुलाक़ात में
(हर मुलाक़ात में)
होठों से, होठों को

चुमते, ओ रहते है हम हर बात पे
कहती है फ़िज़ा जहाँ
तेरी ज़मीं आसमान
जहाँ है तू, मेरी हसी

मेरी खुशी, मेरी जान
जाने ना कहाँ वो दुनिया है
जाने ना वो है भी या नही
जहाँ मेरी ज़िन्दगी मुझसे

इतनी खफा नही
जाने ना कहाँ वो दुनिया है
जाने ना वो है भी या नही
जहाँ मेरी ज़िन्दगी मुझसे
इतनी खफा नही
जाने ना कहाँ वो दुनिया है
जाने ना वो है भी या नही
जहाँ मेरी ज़िन्दगी मुझसे
इतनी खफा नही



Credits
Writer(s): Abbas Tyrewala
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