Raat Bhar Tanha Raha

रात-भर तन्हा रहा, हो
रात-भर तन्हा रहा, दिन-भर अकेला मैं ही था

ओ, रात-भर तन्हा रहा, दिन-भर अकेला मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था

रात-भर तन्हा रहा, दिन-भर अकेला मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था

मैं ही दरिया, मैं ही तूफ़ाँ, मैं ही था हर मौज भी
मैं ही दरिया, मैं ही तूफ़ाँ, मैं ही था हर मौज भी
मैं ही दरिया, मैं ही तूफ़ाँ, मैं ही था हर मौज भी

मैं ही ख़ुद को पी गया...
मैं ही ख़ुद को पी गया, सदियों से प्यासा मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था

मेरी आहट सुनने वाला दिल ना था दुनिया के पास
मेरी आहट सुनने वाला दिल ना था दुनिया के पास
मेरी आहट सुनने वाला दिल ना था दुनिया के पास

सबकी आहट, सबकी धड़कन...
सबकी आहट, सबकी धड़कन सुनने वाला मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था

किसलिए कतरा के जाता है? मुसाफ़िर, दम तो ले
किसलिए कतरा के जाता है? मुसाफ़िर, दम तो ले
किसलिए कतरा के जाता है? मुसाफ़िर, दम तो ले

आज सूखा पेड़ हूँ...
आज सूखा पेड़ हूँ, कल तेरा साया मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था

रात-भर तन्हा रहा, दिन-भर अकेला मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था



Credits
Writer(s): Anand Raj Anand, Ibrahim Ashq
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