Ghum Huye (The Theme of David)

खोया सा है मेरा रास्ता
छूटा पीछे कहीं, जाने कहाँ कारवाँ!
और अधूरी सी रह गई बात, रात ऐसी ढली
इन अँधेरों में हम खो गए

हो, ढूँढे उन्ही राहों को
वो रास्ते जहाँ खोए थे हम

गुम हुए, गुम हुए
गुम हुए, गुम हुए
गुम हुए

कोरे से हैं खाली पन्ने यहाँ
ढूँढे ये सभी स्याही की जुबाँ
और खाली से हैं ये ख़्याल
इन ख़्यालों को इन्हें है बस तलाश सवालों की

हो, ढूँढे उन्ही राहों को
सुकूँ भरी छाँव को
गुज़रे हुए कदमों को
वो रास्ते जहाँ खोए थे हम

गुम हुए

गुम हुए, गुम हुए
गुम हुए, गुम हुए

हो, ढूँढे उन्ही राहों को
सुकूँ भरी छाँव को
हो, गुज़रे हुए कदमों को
वो रास्ते जहाँ खोए थे हम

गुम हुए, गुम हुए
गुम हुए, गुम हुए
गुम हुए

गुम हुए, गुम हुए
गुम हुए, गुम हुए



Credits
Writer(s): Ankur Tewari, Bramfatura
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