Kabhi Bekasi Ne Mara

ये ग़ज़ल है, ना गीत है कोई
ये मेरे दर्द की कहानी है
मेरे सीने में सिर्फ़, हो
मेरे सीने में सिर्फ़ शोले हैं
मेरी आँखों में सिर्फ़ पानी है

कभी बेकसी ने मारा
कभी बेकसी ने मारा
हो, कभी बेबसी ने मारा
कभी बेकसी ने मारा
हो, कभी बेबसी ने मारा

गिला मौत से नहीं है
गिला मौत से नहीं है
मुझे ज़िंदगी ने मारा

कभी बेकसी ने मारा
हो, कभी बेबसी ने मारा

मुकद्दर पे कुछ ज़ोर चलता नहीं
वो मौसम है ये जो बदलता नहीं
मुकद्दर पे कुछ ज़ोर चलता नहीं
वो मौसम है ये जो बदलता नहीं

कहीं थी ये बदनसीबी, हो
कहीं थी मेरी ग़रीबी, हो
कहीं थी मेरी ग़रीबी

किस-किस का नाम लूँ मैं?
ओ, किस-किस का नाम लूँ मैं?
मुझे हर किसी ने मारा

गिला मौत से नहीं है
गिला मौत से नहीं है
मुझे ज़िंदगी ने मारा

कभी बेकसी ने मारा
ओ, कभी बेबसी ने मारा

बेमुरब्बत, बेवफ़ा दुनिया है ये
है यही दुनिया तो क्या, दुनिया है ये
बेमुरब्बत, बेवफ़ा, दुनिया है ये
है यही दुनिया तो क्या, दुनिया है ये

ना कमी थी दोस्तों की
ना कमी थी दुश्मनों की, हो
ना कमी थी दुश्मनों की

कहीं दुश्मनी ने लूटा
कहीं दुश्मनी ने लूटा
कहीं दोस्ती ने मारा

गिला मौत से नहीं है
गिला मौत से नहीं है
मुझे ज़िंदगी ने मारा

कभी बेकसी ने मारा
कभी बेबसी ने मा...



Credits
Writer(s): Anand Bakshi
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