Dhadkan Zara Ruk Gayee Hai (From "Prahaar")

धड़कन ज़रा रुक गयी है
कहीं जिंदगी बह रही है
धड़कन ज़रा रुक गयी है
कहीं जिंदगी बह रही है

पलकों में यादो की डोली भीतर ख़ुशी हँस रही है
ये खुशी तुम हो, तुम ही तुम मेरी जानम
करूँ ऐतबार

धड़कन ज़रा रुक गयी है
कहीं जिंदगी बह रही है

चेहरों के मेले में चहरे थे गुम
इक चेहरा था मैं, इक चेहरा थे तुम
चेहरों के मेले मे चेहरे थे गुम
इक चेहरा था मैं, इक चेहरा थे तुम

जाने क्या तुमने दे दिया
मुझको जनम मिल गया

धड़कन ज़रा रुक गयी है
कहीं जिंदगी बह रही है

होठों पर बात रहे
बातों में सुर बहे
सुरों में गीत वही
तुम्हारी ही बात कहे

मिट जाऊं सपनों की आगोश में
भीग जाऊं यादो की बौछार में

धड़कन ज़रा रुक गयी है
कहीं जिंदगी बह गई है

मिलते ही आँखों ने रिश्ता पहचाना
एहसास सीने में साँसों ने जाना
मिलते ही आँखों ने रिश्ता पहचाना
एहसास सीने में साँसों ने जाना

चुपके से प्यार छू गया
दिलाके इक जनम नया

धड़कन ज़रा रुक गयी है
कहीं ज़िन्दगी बह रही है

पलकों में यादो की डोली
भीतर ख़ुशी हँस रही है
ये खुशी तुम हो, तुम ही तुम मेरी जानम
करूँ ऐतबार

धड़कन ज़रा रुक गयी है
कहीं ज़िन्दगी बह रही है
धड़कन ज़रा रुक गयी है
कही ज़िन्दगी बह रही है



Credits
Writer(s): Mangesh Kulkarni, Laxmikantpyarelal
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