Chot Lagi Kahan (From "Ghar Sansar")

चोट लगी कहाँ? यहाँ-वहाँ
बता ना सकूँ मैं वहाँ
सीने में दिल हैं जहाँ

चोट लगी कहाँ? यहाँ-वहाँ
बता ना सकूँ मैं वहाँ
सीने में दिल हैं जहाँ

हाल मेरा पूछ के जी आप क्या करेंगे?
हाल मेरा पूछ के जी आप क्या करेंगे?
ज़ख्म हो तो दिखला दो, मरहम रख देंगे
मरहम रख देंगे

ज़ख्म आए बदन पे कहाँ? यहाँ-वहाँ
बता ना सकूँ मैं वहाँ
जाग उठेगी नज़र वो कहाँ
चोट लगी कहाँ? हो

चोट लगी तुझे, दर्द मुझे हो रहा हैं
हो, चोट लगी तुझे, दर्द मुझे हो रहा हैं
प्यार के बीज तू मेरे मन में बो रहा हैं
मन में बो रहा हैं

लगा चाहत का तीर कहाँ? यहाँ-वहाँ
बता ना सकूँ मैं वहाँ
दर्द का किसने देखा निशाँ
चोट लगी कहाँ? हो

बार-बार क्यूँ टकराती हो तुम मुझी से?
हो, बार-बार क्यूँ टकराती हो तुम मुझी से?
कोई तो रिश्ता है तेरा मेरी ज़िन्दगी से
मेरी ज़िन्दगी से

ये टक्कर ले जाएगी कहाँ? यहाँ-वहाँ
बता ना सकूँ मैं वहाँ
लिखा किस्मत में होगा जहाँ

चोट लगी कहाँ? यहाँ-वहाँ
बता ना सकूँ मैं वहाँ
सीने में दिल हैं जहाँ



Credits
Writer(s): Shyamlal Harlal Rai Indivar, Nagrath Rajesh Roshan
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