Nasha

नशा है जाम का या मेरी आग का
ले आके पी ले जान-ए-जाँ
ये पल फिर मिलेंगे कहाँ

नशा है जाम का या मेरी आग का
ले आके पी ले जान-ए-जाँ
ये पल फिर मिलेंगे कहाँ
नशा है जाम का...

जादू है ये समाँ, कह रही है शमा
जल के देख परवाने
मस्ती में डोलूँ मैं तितली सी यहाँ-वहाँ
पकड़ के देख दीवाने

पल दो पल की ज़िंदगानी
ख़त्म हो ये कब कहानी
बात मेरी मान ले, तू आजा अब ज़रा

नशा है जाम का या मेरी आग का
ले आके पी ले जान-ए-जाँ
ये पल फिर मिलेंगे कहाँ
नशा है जाम का...

बाँहों में आजा तू, साँसें महका जा तू
रंग के देख मस्ताने
चिंगारी भड़के है आग को बुझा जा तू
वो ना सुनूँगी अब बहाने

पल दो पल की ज़िंदगानी
ख़त्म हो ये कब कहानी
बात मेरी मान ले, तू आजा अब ज़रा

नशा है जाम का या मेरी आग का
ले आके पी ले जान-ए-जाँ
ये पल फिर मिलेंगे कहाँ

नशा है जाम का या मेरी आग का
ले आके पी ले जान-ए-जाँ
ये पल फिर मिलेंगे कहाँ
नशा है जाम का...



Credits
Writer(s): Dev Sikdar, Sajan Agarwal
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