Kasam

तेरी आँखों में देख के, तेरी बाँहों में झूम के मैं
तेरे हाथों को चूम के, तेरी ज़ुल्फ़ों को छेड़ के
तेरे रूप की, नूर की है क़सम, तू ना जा
ओ, मेरी जाँ, whoa, ओ, मेरी जाँ

इस रात को थाम लो, सारी घड़ियाँ तोड़ दो ना
इस चाँद को बाँध लो, चढ़ते सूरज को रोक लो
इस चाँदनी रात की है क़सम, तू ना जा
ओ, मेरी जाँ, whoa, हो, मेरी जाँ, ओ

मिलते ये लम्हे नसीब से तुझको नहीं है पता
देखूँ मैं तुझको क़रीब से, कर लूँ ज़रा सी ख़ता
दूरियाँ मिटा भी दे, आँखों से आँखें मिला, ओ-ओ
ख़्वाबों को सजा भी दे, कहते हैं अरमाँ
ओ, मेरी जाँ, whoa, ओ, मेरी जाँ

मेरे ख़्वाबों को तोड़ के, मेरी नींदों को छिन के तू
मेरे दिल को उजाड़ के, मेरे चैन को लुट के
मेरी नींदों की, ख़्वाबों की है क़सम, तू ना जा
ओ, मेरी जाँ, whoa, हो, मेरी जाँ

बस दो घड़ी का सवाल है, जो हुआ, जाने भी दे
दीवानों के जैसा हाल है, मुझको मनाने भी दे
अपने बेक़रार को थोड़ा सताने भी दे, ओ-ओ
बेज़ुबाँ एहसास को क्या करूँ मैं बयाँ?
हो, मेरी जाँ, whoa, हो, मेरी जाँ

आँसुओं की दुआओं में अपने सर को झुका के मैं तो
दोनों हाथों को जोड़ के तुझे माँगा है रब से
मेरे सजदों की, दुआओं की है क़सम, तू ना जा
Whoa, ओ, मेरी जाँ, whoa, हो, मेरी जाँ, whoa

(है क़सम, तू ना जा) मेरी जाँ
(है क़सम, तू ना जा) मेरी जाँ
(है क़सम, तू ना जा, ना जा) मेरी जाँ
(है क़सम, तू ना जा)

(है क़सम, तू ना जा, तू ना जा)
(है क़सम, तू ना जा)
तुझे प्यार की (है क़सम, तू ना जा)
ख़ुदा की (है क़सम, तू ना जा, ना जा)

(है क़सम, तू ना जा)
मेरी जाँ (है क़सम, तू ना जा, तू ना जा)
(है क़सम, तू ना जा)
ओ, मेरी जाँ, ओ, मेरी जाँ



Credits
Writer(s): Sameer, Adnan Sami
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