Kaise Piya (Sad Version)

कैसे पिया की अटरी चढो जाए, ना सहनी बिन भाएली
कैसे पिया की अटरी चढो जाए, ना सहनी बिन भाएली

मैं राधा नहीं तू श्याम है जी, मैं सीता नहीं तू राम हैं
मिलन में तो सुख मिल जाता पर बिरह में भी आराम हैं
मैं राधा नहीं तू श्याम है जी, मैं सीता नहीं तू राम हैं
मिलन में तो सुख मिल जाता पर बिरह में भी आराम हैं
गिले नैना हवा गई रे सुखाये, ना सहनी बिन भाएली
कैसे पिया की अटरी चढो जाए, ना सहनी बिन भाएली

मौसम के संग सावन बीते, सारे बर्तन रीते हैं
दुनिया में जो अमृत बांटे, ज़हर भी वोही पीते हैं
मौसम के संग सावन बीते, सारे बर्तन रीते हैं
दुनिया में जो अमृत बांटे, ज़हर भी वोही पीते हैं
आने वाला समय ठोकर खाए, ना सहनी बिन भाएली
कैसे पिया की अटरी चढो जाए, ना सहनी बिन भाएली

ऊँचे थान पे बैठे हैं पिया, नीचे हूँ लाचार मैं
फिरू भटकती कतई अकेली भीड़ भरे संसार में
ऊँचे थान पे बैठे हैं पिया, नीचे हूँ लाचार मैं
फिरू भटकती कतई अकेली भीड़ भरे संसार में
उछले मन कोई भी ना उचकाये, ना सहनी बिन भाएली
कैसे पिया की अटरी चढो जाए, ना सहनी बिन भाएली



Credits
Writer(s): Sanjay Pathak, Manjeet Mahipal
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