Tu Kahan

ओ, बादल की पलकें पल-पल क्यूँ छलके
समझेगा ना ये ज़माना
आजा, हवाओं के दामन पे चल के
आसाँ हो साँसों का आना
ओ, आसाँ हो साँसों का आना

तेरी जाँ से बंधी मेरी जाँ
तू कहाँ, तू कहाँ, तू कहाँ
तू कहाँ, तू कहाँ, तू कहाँ

बादल है, बारिश है
बादल है, बारिश है, गुमशुदा है तेरे निशाँ
तू कहाँ, तू कहाँ, तू कहाँ
तू कहाँ, तू कहाँ, तू कहाँ

बादल के पहलू में घुलने लगी है
एक बावरी सी बदरिया
चाहत के दरिया में घुलने लगी है
मोहब्बत की मीठी सी नदिया
मोहब्बत की मीठी सी नदिया

फ़ासलें हैं भला अब कहाँ
तू जहाँ, मैं वहाँ, तू जहाँ
तू जहाँ, मैं वहाँ, तू जहाँ

हाँ, तुम लौट आए तो गुमसुम घटाएँ
फिर गुनगुनाने लगी है
बुझती हुई ये बारिश की बूँदें
फिर जगमगाने लगी है
हो, फिर जगमगाने लगी है

यूँ ही रहना सदा मेहबाँ
हाँ रे हाँ, हाँ रे हाँ, हाँ रे हाँ
हाँ रे हाँ, हाँ रे हाँ, हाँ रे हाँ

बरखा को बादल से...
बरखा को बादल से कर सकेगा जुदा ना जहाँ
हाँ रे हाँ, हाँ रे हाँ, हाँ रे हाँ
हाँ रे हाँ, हाँ रे हाँ, हाँ रे हाँ
हाँ रे हाँ, हाँ रे हाँ, हाँ रे हाँ



Credits
Writer(s): Ravi Chopra, Pramod Panth
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