Aaraam Haraam Dharti Pe

हो

हो, मेरे धरती पे लाखों सलाम
मेरे धरती पे लाखों सलाम

(बोलो, आराम हराम, बोलो, आराम हराम)
(आराम हराम, बोलो, आराम हराम)

हो, मेरे धरती पे लाखों सलाम
मेरे धरती पे लाखों सलाम

(बोलो, आराम हराम, बोलो, आराम हराम)
(आराम हराम, बोलो, आराम हराम)

हो, जिसने अपना ख़ून बहाया
भारत माँ को ज़िंदा कराया
ख़ून अपना, कफ़न उजाला
दिल का साया तिरंग बनाया

ऐसे वीरों का पढ़ के कलाम
ऐसे वीरों का पढ़ के कलाम
उनपे लाखों सलाम, उनपे लाखों सलाम

बोलो, आराम हराम
(आराम हराम, बोलो, आराम हराम)

हो, माँ की ममता छोड़ गए जो
बेटा अपना लहू पिया है
माँ की ग़ुलामी दूर कर के
माँ की गोद क़ुर्बां हुआ है

इन जवानों का पढ़ के कलाम
इन जवानों का पढ़ के कलाम
उनपे लाखों सलाम, उनपे लाखों सलाम

बोलो, आराम हराम
(आराम हराम, बोलो, आराम हराम)

हो, गांधी जी ने सबके लिए जो
तन को अपने निशाँ बनाया
पंडित जी भी उनके साथी
देश को अपने ज़िंदा कराया

इन नेताओं का पढ़ के कलाम
इन नेताओं का पढ़ के कलाम
उनपे लाखों सलाम, उनपे लाखों सलाम

बोलो, आराम हराम
(आराम हराम, बोलो, आराम हराम)

हो, झाँसी की वो लक्ष्मीबाई
भारत के लिए जान गँवाई
वीर भगत सिंह फाँसी चढ़ के
अपने वतन की जान बचाई

ऐसे वीरों का पढ़ के कलाम
ऐसे वीरों का पढ़ के कलाम
उनपे लाखों सलाम, उनपे लाखों सलाम

बोलो, आराम हराम
(आराम हराम, बोलो, आराम हराम)

हो, सुन लो मेरे वतन वालों
वचन ले लो जिस्म मेरा
करते रहेंगे रक्षा तुम्हारी
चाहे पी लो लहू हमारा

इन विचारों का पढ़ के कलाम
इन विचारों का पढ़ के कलाम
उनपे लाखों सलाम, उनपे लाखों सलाम

बोलो, आराम हराम
(आराम हराम, बोलो, आराम हराम)

हो, मेरे धरती पे लाखों सलाम
मेरे धरती पे लाखों सलाम

(बोलो, आराम हराम, बोलो, आराम हराम)
(आराम हराम, बोलो, आराम हराम)

(आराम हराम, बोलो, आराम हराम)
(आराम हराम, बोलो, आराम हराम)



Credits
Writer(s): Darbar Khan, Pramod Sarkate
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