Dil Sulagta Ja Raha Hai

दिल सुलग़ता जा रहा है, साँस पिघली जा रही है
Hmm, दिल सुलग़ता जा रहा है, साँस पिघली जा रही है
पास हो के दूर हो तुम? जान निकली जा रही है
Hmm, जी रहा हूँ कश्मकश में इश्क़ तू शुरुवात कर

इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर

वक़्त बढ़ता जा रहा, पर बात कुछ बढ़ती नहीं
जब कहीं बादल घने हो, धूप तब चढ़ती नहीं
वैसे मैंने उनकी आँखों में भी देखी गर्मियाँ
नींद ऐसी चीज़ है जो बेवजह उड़ती नहीं
हर तरफ़ जो गर्मियाँ है, इश्क़ तू बरसात कर

इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर

लफ़्ज़ दिल से उठते हैं, पर होंठों पे रुक जाते हैं
और कुछ तो फिर वापस दिल में ही छुप जाते हैं
और जो मेरा ही मुझपे बस कोई चलता नहीं
हाथ दोनों ही दुआ में खुद-ब-खुद उठ जाते हैं
वो दुआ माँगे, ना माँगे इश्क़ तू फ़रियाद कर

इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर

दिल सुलग़ता जा रहा है, साँस पिघली जा रही है
पास हो के दूर हो तुम? जान निकली जा रही है
जी रहा हूँ कश्मकश में इश्क़ तू शुरुवात कर

इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर
इश्क़ तू आबाद कर या इश्क़ तू बर्बाद कर



Credits
Writer(s): Praveen Bharadwaj
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