Mere Saqi Teri Mehfil Mein

मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले
मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले
(मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले)
(मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले)

मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले
(मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले)
मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले

दिन चले, रात चले, सुबह चले, शाम चले
दिन चले, रात चले, सुबह चले, शाम चले
(दिन चले, रात चले, सुबह चले, शाम चले)
(मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले)

जाम से पीने में रुसवाई बहुत है, साक़ी
जाम से पीने में रुसवाई बहुत है, साक़ी
(जाम से पीने में रुसवाई बहुत है, साक़ी)
जाम से पीने में रुसवाई बहुत है, साक़ी

तू निगाहों से पिला दे तो मेरा काम चले
तू निगाहों से पिला दे तो मेरा काम चले
(तू निगाहों से पिला दे तो मेरा काम चले)
(मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले)

इसलिए पी के बहकते हैं तेरे मस्ताने
इसलिए पी के बहकते हैं तेरे मस्ताने
(इसलिए पी के बहकते हैं तेरे मस्ताने)
इसलिए पी के बहकते हैं तेरे मस्ताने

साक़िया, सारे ज़माने में तेरा नाम चले
साक़िया, सारे ज़माने में तेरा नाम चले
(साक़िया, सारे ज़माने में तेरा नाम चले)
(मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले)

बात तो जब है कि बाक़ी ना रहे होश का नाम
बात तो जब है कि बाक़ी ना रहे होश का नाम
(बात तो जब है कि बाक़ी ना रहे होश का नाम)
बात तो जब है कि बाक़ी ना रहे होश का नाम

मस्त नज़रों का जहाँ तक तेरी पैग़ाम चले
मस्त नज़रों का जहाँ तक तेरी पैग़ाम चले
(मस्त नज़रों का जहाँ तक तेरी पैग़ाम चले)
(मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले)

शैख़ साहब को तो तक़लीफ़ बहुत है, लेकिन
शैख़ साहब को तो तक़लीफ़ बहुत है, लेकिन
(शैख़ साहब को तो तक़लीफ़ बहुत है, लेकिन)
शैख़ साहब को तो तक़लीफ़ बहुत है, लेकिन

पीने वालों की दुआ है कि तेरा नाम चले
पीने वालों की दुआ है कि तेरा नाम चले
(पीने वालों की दुआ है कि तेरा नाम चले)
(मेरे साक़ी, तेरी महफ़िल में अगर जाम चले)



Credits
Writer(s): Ram Shankar, Aseer Burhaanpuri
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link