Main Hoon Chala

अब मुझे उड़ने दो
इस ख़याल के विमान में
पल दो पल जीने दे
मितरा इस ख़ुमार में

ख़ुद की तलाश में सबको दे फ़ासले
मैं हूँ चला
सूरज के ताप से चंदा की आह तक
कोई धुन चला

मैं हूँ चला
मैं हूँ चला
मैं हूँ चला
मैं हूँ चला

बारिशों के परदों पे ढूँढने चला मैं उजाले
ऊँची उड़ानों में रहते हैं मेरे फ़साने
फ़िर इरादों में क्यूँ ये हलचल है इक हज़ार?
गिर के उठने से ही तू पहुँचेगा उस पास

नदिया से भरता सागर, फ़ैसा ख़्वाबों की चादर
तू इनमें सपने सजा
दुख जो है तेरे मन में, आँखें हैं तेरी ग़म में
इनसे ना भरे मन तेरा

नदिया से भरता सागर, फ़ैसा ख़्वाबों की चादर
तू इनमें सपने सजा (सजा रे)
दुख जो है तेरे मन में, आँखें हैं तेरी ग़म में
इनसे ना भरे मन तेरा (तेरा)

अब मुझे उड़ने दो

ख़ुद की तलाश में सबको दे फ़ासले
मैं हूँ चला
सूरज के ताप से चंदा की आह तक
कोई धुन चला

मैं हूँ चला
मैं हूँ चला

Whoa-oh
Whoa-oh-oh-oh-oh



Credits
Writer(s): Dhruv Angrish
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