Jee Lenge Hum

हर वो खुशी क्यूँ ख़फ़ा हो गई
क्यूँ हुआ ये सितम?
रुसवा यूँ मुझसे हुई ज़िंदगी
ना रहें तेरे हम

यादों को दिल में बसाए हुए
अश्क़ों में खुद को समाए हुए
रह जाएँगे हम अधूरे

जी लेंगे हम, जी लेंगे हम
जी लेंगे हम, जी लेंगे हम

साथ जो तेरा छूट गया
मुझसे खुदा भी रूठ गया
समझूँगा कैसे जज़्बातों को?
दिल जब मेरा ही टूट गया

क्यूँ थे दूर हुए? क्यूँ दिखे फ़ासले
तेरी आग़ोश में मुझको जन्नत मिले

क्यूँ दी थी सज़ा? क्या हुई थी खता?
कुछ तो कर तू रहम, आ...
दे मौका मुझे, आ, लगा ले गले
छोड़ दे सब भरम

हो, यादों को दिल में बसाए हुए
अश्क़ों में खुद को समाए हुए
रह जाएँगे हम अधूरे

जी लेंगे हम, जी लेंगे हम
जी लेंगे हम, जी लेंगे हम
जी लेंगे हम, जी लेंगे हम
जी लेंगे हम, जी लेंगे हम



Credits
Writer(s): Akhil Sachdeva
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