Maat Pita

गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूँ पांय?
बलिहारी गुरू अपने जिन गोविन्द दियो बताय

मात-पिता तुम मेरे, मेरे प्रभु, मेरे गुरु
मात-पिता तुम मेरे, मेरे प्रभु, मेरे गुरु

जो है और जो है नहीं
सबकुछ तुम हो, सद्गुरु

मात-पिता तुम मेरे, मेरे प्रभु, मेरे गुरु

जो है और जो है नहीं
सबकुछ तुम हो, सद्गुरु

माँ ने दिया जनम, पिता ने दिया है नाम
माँ ने दिया जनम, पिता ने दिया है नाम
अनदेखी एक दिशा बुलाती सुब्ह-ओ-शाम

हर दिशा में अब तुम ही
किस दिशा को नमन करूँ?

जो है और जो है नहीं
सबकुछ तुम हो, सद्गुरु

साँसों की ये डोर, अभी शुरू, अभी खतम
साँसों की ये डोर, अभी शुरू, अभी खतम
ये डोर पकड़ तुम तक आ जाऊँ, अब करूँ यहीं जतन

हो गया है जिसका अंत
और हुआ जो नहीं शुरु

जो है और जो है नहीं
सबकुछ तुम हो, सद्गुरु

मात-पिता तुम मेरे, मेरे प्रभु, मेरे गुरु

जो है और जो है नहीं
सबकुछ तुम हो सद्गुरु

मात-पिता तुम मेरे, मेरे प्रभु, मेरे गुरु

जो है और जो है नहीं
सबकुछ तुम हो सद्गुरु

सबकुछ तुम हो सद्गुरु
सबकुछ तुम हो सद्गुरु



Credits
Writer(s): Sounds Of Isha
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link