Karishma Quran Ka

भला तूफ़ान क्या टकराएगा मेरे सफ़ीने से
क़ुरान-ए-पाक की बरकत है लिपटी मेरे सीने से

अल्लाह, तू दिखा दे करिश्मा क़ुरान का
अल्लाह, तू दिखा दे करिश्मा क़ुरान का

बंदों के वास्ते है सहारा क़ुरान का

अल्लाह, तू दिखा दे करिश्मा क़ुरान का
अल्लाह, तू दिखा दे करिश्मा क़ुरान का

सुन ले, तुझे बताता हूँ ताक़त क़ुरान की
तू जानता नहीं है हक़ीक़त क़ुरान की
मुल्तान में रहती थी इक अल्लाह की प्यारी
और उसके साथ रहती थी इक नन्ही नवासी
हर रोज़ वो करती थी तिलावत क़ुरान की
वो हाफ़िज़-ए-क़ुरान थी, नाने के जान थी

बख़्शा ख़ुदा ने था उसे तोहफ़ा क़ुरान का

अल्लाह, तू दिखा दे करिश्मा क़ुरान का
अल्लाह, तू दिखा दे करिश्मा क़ुरान का

माँ-बाप की दौलत उसे विरसे में मिली थी
थे उसके चचा तीन, उनकी नीयत बुरी थी
एक रात उसके घर में वो चुपके से आ गए
और उसका मुँह दबा के वो जंगल में ले गए

बच्ची को ज़ालिमों ने ज़मीं पर पटक दिया
बोले, "तेरे माँ-बाप का हमने क़तल किया
अब तेरी कब्र खोद के तुझको सुलाएँगे
और तेरी जायदाद पे क़ब्ज़ा जमाएँगे"

बच्ची ने ये सुना तो वो कहने लगी, "चचा
मैं हाफ़िज़-ए-क़ुरान हूँ, ईमान है मेरा
आई है मेरी मौत तो मालिक की है रज़ा
वरना ना कर सकोगे मेरा बाल भी बीका
शैतान हो तुम लोग, बिगाड़ोगे क्या मेरा?
तुम मारने वालों से बड़ा है मेरा ख़ुदा"
बच्ची की बात सुन के चचा तीनों हँस दिए
तलवार लेके मारने उससी तरफ़ बढ़े

पढ़ने लगी क़ुरान की आयत वो बार-बार
करने लगी अल्लाह की रहमत का इंतज़ार
जैसे ही वार करने को तलवार उठाई
वैसे ही एक शेर ने की उनपे चढ़ाई

तीनों को चीर-फ़ाड़ दिया, ख़त्म कर दिया
वो शेर की शकल में फ़रिश्ता ख़ुदा का था

वो क्या मिटेगा जिसपे हो साया क़ुरान का?

अल्लाह, तू दिखा दे करिश्मा क़ुरान का
अल्लाह, तू दिखा दे करिश्मा क़ुरान का

हमपे भी रहम कर दे, करम अपना दिखा दे
शैतान की साज़िश को तू नाकाम बना दे
ज़ालिम ने दिया है मुझे ताना क़ुरान का
अल्लाह, तू दिखा दे करिश्मा क़ुरान का

...करिश्मा क़ुरान का
...करिश्मा क़ुरान का



Credits
Writer(s): Jalal Jhansvi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link