Paron Ko Kaant Ke Udne Ki Guzaarish

परों को काट के उड़ने की गुझारिश करना...
उन्ही से सीखे कोई ऐसी आझमाईश करना...

है वो माहिर बहाने मे हर पल आँसु...
गज़ब अदा है अश्को की नुमाईश करना...

अपनी हसरते को हकीकत का ज़ामा दीजे...
वरना मुश्किल नही है चाँद की ख्वाहीश करना...

तुम दिखाओगे नही कभी जख्म ए दिल "आदम"...
उनकी आदत नही छोटी सी फरमाईश करना ...



Credits
Writer(s): Prakash Rahule Aadam, Dinesh Arjuna
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