Jab Se Hua Hai

जब से हुआ है मुझे प्यार
जब से हुआ है मुझे प्यार
रंगीन नज़र आता है सारा संसार

जब से हुआ है मुझे प्यार
पैर टिकते नहीं हैं ज़मीं पर
पैर टिकते नहीं हैं ज़मीं पर
और दिल को ना आए क़रार

जब से हुआ है मुझे प्यार
जब से हुआ है मुझे प्यार

दिल में जब से बस गया है कोई, हरदम रहती हूँ खोई-खोई
जागते हुए भी देखूँ सपने, जैसे हूँ मैं सोई-सोई
हर आहट पर समझूँ आ गया है वो ही
पर दिल की बात ना समझे निर्मोही, हारी जतन कर हज़ार

जब से हुआ है मुझे प्यार
जब से हुआ है मुझे प्यार

नाम उनका जब ले कोई, मुस्कुरा के मैं शर्मा जाऊँ
हर पल मैं उसकी तस्वीर को अपने सीने से लगाऊँ
क्या रोग लगा, मैं नहीं जानूँ
क्यूँ पागल मन मोरा ललचाए?

प्यार मुझे जब से हो गया है
चैन मुझे कहीं नहीं आए
कहीं पाए ना मनवा क़रार

जब से हुआ है मुझे प्यार
जब से हुआ है मुझे प्यार

लिखीं कितनी ही पंक्तियाँ, कोई सूझा ना गीत
मेरी जान तुम हो सपना या हो मेरी प्रीत?
लिखीं कितनी ही पंक्तियाँ, कोई सूझा ना गीत
मेरी जान तुम हो सपना या हो मेरी प्रीत?

मेरी तमन्ना यही है, उनके क़दमों में जीवन बिताऊँ
सीने से उनको लगा के, उनकी बाँहों में ही मैं मर जाऊँ
प्यार देखेगा सारा संसार

जब से हुआ है मुझे प्यार
जब से हुआ है मुझे प्यार

रंगीन नज़र आता है सारा संसार
जब से हुआ है मुझे प्यार
जब से हुआ है मुझे प्यार



Credits
Writer(s): Ravi, Sheetal
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