Shree Hanuman Stuti

अतुलित बलधाम, कृपा निधान, श्री राम भक्त; हनुमान
मूर्तिमान भक्ति और सेवामूर्ति हैं
भक्ति और सेवा का भाव उनके नाम में स्पष्ट दिखाई देता है

"ह" का अर्थ है शिव, आनंद, आकाश, आदि
"नु" का अर्थ है पूजन, प्रशंसा
"मा" लक्ष्मी का द्योतक है
"न" बल, युद्ध, वीरता आदि का सूचक है

अहिल्या पुत्री अंजना के पुत्र हैं इसलिए आंजनेय हैं
मरुत के अंश हैं इसलिए मारुति हैं
कपि गोत्र में श्रेष्ठ होने से कपीश हैं
पवन के क्षेत्रज पुत्र होने से पवनसुत है

इनके पिता का नाम केसरी था इसलिए केसरीनंदन कहे जाते हैं
ऐसी विभूति के सामने इस जगत का कोई भी प्राणी
श्रद्धा से नतमस्तक हुए बिना नहीं रह सकता

प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यानघन
जासु ह्रदय आगार बसहिं राम सर चाप धर

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि

गोष्पदी कृत वारीशं मशकी कृत राक्षसम्
रामायण महामाला रत्नं वन्देऽनिलात्मजम्

अञ्जना नन्दनं वीरं जानकी शोक नाशनम्
कपीशमक्ष हन्तारं वन्दे लङ्का भयङ्करम्

उल्लङ्घ्य सिन्धोः सलिलं सलीलं
यः शोक वह्निं जनकात्मजायाः
आदाय तेनैव ददाह लङ्कां
नमामि तं प्राञ्जलिराञ्जनेयम्

मनोजवं मारुत तुल्य वेगं
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्
वातात्मजं वानर यूथ मुख्यं
श्रीराम दूतं शरणं प्रपद्ये

आञ्जनेयमतिपाटलाननं
काञ्चनाद्रि कमनीय विग्रहम्
पारिजात तरु मूल वासिनं
भावयामि पवमान नन्दनम्

यत्र यत्र रघुनाथ कीर्तनं
तत्र तत्र कृत मस्तकाञ्जलिम्
वाष्प वारि परिपूर्ण लोचनं
मारुतिर्नमत राक्षसान्तकम्



Credits
Writer(s): Bhushan Dua, Aacharya R.p. Dwivedi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link