Labon Ka Karobaar

जेबों में बिख़रे हैं तारे, ख़ाली हुआ आसमाँ
हाथों में धूप है मेरे, बर्फ़ीला बाक़ी जहाँ
रूह गाए, झूमे जाए, दिल कहे बार-बार
"इश्क़ कर ले, इश्क़ जी ले," इश्क़ लबों का कारोबार

जेबों में बिख़रे हैं तारे, ख़ाली हुआ आसमाँ
हाथों में धूप है मेरे, बर्फ़ीला बाक़ी जहाँ
रूह गाए, झूमे जाए, दिल कहे बार-बार
"इश्क़ कर ले, इश्क़ जी ले," इश्क़ लबों का कारोबार

जेबों में बिख़रे हैं तारे, ख़ाली हुआ आसमाँ
हाथों में धूप है मेरे, बर्फ़ीला बाक़ी जहाँ

धूप में इश्क़ छाँव, दर्द में आराम
मख़मली हर रात, शरबती हर शाम
इश्क़ का लेके नाम दिल से निकले सलाम
ना छुपा, ना दबा, हो जा तू बे-लगाम

इश्क़ बिना तेरी शामें ख़ाली खनकते जाम
इश्क़ करम से रातें १४ चमकते चाँद

रूह गाए, झूमे जाए, दिल कहे बार-बार
"इश्क़ कर ले, इश्क़ जी ले," इश्क़ लबों का कारोबार
जेबों में बिख़रे हैं तारे, ख़ाली हुआ आसमाँ
हाथों में धूप है मेरे, बर्फ़ीला बाक़ी जहाँ

जेबों में बिख़रे हैं तारे...
जेबों में बिखरे हैं तारे...
...इश्क़ लबों का कारोबार



Credits
Writer(s): Vishal Dadlani, Jaideep Sahni, Shekhar Ravjiani
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