He Maa Lakshmi Vishnu Priya

हे, माँ लक्ष्मी, विष्णु प्रिया, भावविभोर मुझे किया
(हे, माँ लक्ष्मी, विष्णु प्रिया, भावविभोर मुझे किया)
कोटी-कोटी मेरा नमन तुझे और शत्-शत् है प्रणाम
शत्-शत् है प्रणाम

तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम
(तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम)
हे, माँ लक्ष्मी, विष्णु प्रिया, भावविभोर मुझे किया

सब देवों को छोड़ के तूने विष्णु का वर्ण किया
(सब देवों को छोड़ के तूने विष्णु का वर्ण किया)
विष्णु प्रिया इसलिए ही तो तुझको कहा गया
(विष्णु प्रिया इसलिए ही तो तुझको कहा गया)

सुख का सूरज उगता रहेगा, आए दुखों की शाम
कोटी-कोटी मेरा नमन तुझे और शत्-शत् है प्रणाम
शत्-शत् है प्रणाम

तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम
(तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम)
हे, माँ लक्ष्मी, विष्णु प्रिया, भावविभोर मुझे किया

धन की कमी के कारण जब भी आ जाए कठिनाई
(धन की कमी के कारण जब भी आ जाए कठिनाई)
माँ के शरण में जाते ही बढ़ जाती है कमाई
(माँ के शरण में जाते ही बढ़ जाती है कमाई)

बिना रुकावट चलते रहें हर प्राणी के काम
कोटी-कोटी मेरा नमन तुझे और शत्-शत् है प्रणाम
शत्-शत् है प्रणाम

तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम
(तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम)
हे, माँ लक्ष्मी, विष्णु प्रिया, भावविभोर मुझे किया

मैया जिससे ख़फ़ा है होती हो जाए कंगाल
(मैया जिससे ख़फ़ा है होती हो जाए कंगाल)
लाख कोशिशों के बाद भी सदा रहे बेहाल
(लाख कोशिशों के बाद भी सदा रहे बेहाल)

माँ के हाथों में रहती हर एक जन की लगाम
कोटी-कोटी मेरा नमन तुझे और शत्-शत् है प्रणाम
शत्-शत् है प्रणाम

तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम
(तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम)

हे, माँ लक्ष्मी, विष्णु प्रिया, भावविभोर मुझे किया
(हे, माँ लक्ष्मी, विष्णु प्रिया, भावविभोर मुझे किया)
कोटी-कोटी मेरा नमन तुझे और शत्-शत् है प्रणाम
शत्-शत् है प्रणाम

तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम
(तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम)
(तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम)
(तुझे पूजे जगत तमाम, तुझे पूजे जगत तमाम)



Credits
Writer(s): Dinesh Kumar, Ashwani Khanna
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