Sab Matlab Ke Saathi Pyare

सब मतलब के साथी प्यारे
कोण किसीके नाती है.
मातपिता तेरी आसुत साले
सब दौलत के साथी है.

जबतक फुल रहे तरोवर पे
तब लग चिडिया खाती है
फुल हिन जब तरोवर होवे
तब सब ही उड जाते है.

जल का सरवर सुख गया तो
हंसा नही ठहराते है
मृगजल देखत प्रेम से हिरणी
दूरन से ही भर आते है

तुकड्यादास कहे इनही से
मुक्ती दूर भगाती है
आज ही से नश्वरसंग छोडो
राम ही नाम संगाती है.



Credits
Writer(s): Sant Tukdoji Maharaj
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