Kyun Aaj Kal

क्यूँ आजकल अक्सर कहीं उड़ जाता है ये मन मेरा?
क्यूँ आजकल अक्सर कहीं उड़ जाता है ये मन मेरा?
मुझे छोड़कर वो, किसके घर उड़ जाता है ये मन मेरा?

दिन कैसे गुज़रे जब ये पता हो
दिन कैसे गुज़रे जब ये पता हो
आने ही वाली है सपनों की मंज़िल?

मंज़िल पे कोई अपना मिलेगा
मंज़िल पे कोई अपना मिलेगा
तन्हा यूँ फिर तो रहेगा नहीं दिल

पहले से ही पाने को वो मंज़िल चला ये मन मेरा
क्यूँ आजकल अक्सर कहीं उड़ जाता है ये मन मेरा?
Hmm
मुझे छोड़कर वो, किसके घर उड़ जाता है ये मन मेरा?

छूटेगा आँगन, अपने सभी ये
छूटेगा आँगन, अपने सभी ये
कहते हैं, "हो जाएँगे हम पराए"

इतनी खुशी सी क्यूँ सबको है फिर?
इतनी खुशी सी क्यूँ सबको है फिर?
कोई ज़रा ये हमें समझाए

उलझन मेरी देखे, मगर कुछ ना करे ये मन मेरा
क्यूँ आजकल अक्सर कहीं उड़ जाता है ये मन मेरा?
Hmm
मुझे छोड़कर वो, किसके घर उड़ जाता है ये मन मेरा?

क्यूँ आजकल अक्सर कहीं उड़ जाता है ये मन मेरा?
मुझे छोड़कर वो, किसके घर उड़ जाता है ये मन मेरा?



Credits
Writer(s): Shantanu Moitra, Subrat Sinha
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