Faasle

ख्वाबों में तेरे, उड़ने लगा हूँ
कुछ ख्वाब खुद के, बुनने लगा हूँ
यूँ दूर तुझसे, रहते हुए अब
दिल की नसीहत, सुनने लगा हूँ

हर लफ़्ज से कटते हुए
हर याद से मिटते हुए

ये फ़ासले, ये रास्ते
ये दूरियाँ अब है कहाँ?
देखूँ जिधर, तू है वहाँ
कुछ भी नहीं, अब दरमियाँ

यादों की चादर, ओढ़े हुए हम
हर ख्वाब की लहरों में गिरते-उभरते हुए हम
ये मखमली सी तेरी शरारत
देती मुझे ये रात-दिन बेचैनियाँ

खुशबू में तेरी, हिलने लगा हूँ
बिन बात यूँ ही, हँसने लगा हूँ
राहों में तेरी, आँखें बिछाये
दिल की हिदायत, सुनने लगा हूँ

हर लफ़्ज से कटते हुए
हर रंग में घुलते हुए

ये फ़ासले, ये रास्ते
ये दूरियाँ अब है कहाँ?
देखूँ जिधर, तू है वहाँ
कुछ भी नहीं, अब दरमियाँ

कुछ भी नहीं, अब दरमियाँ



Credits
Writer(s): Anand Bhaskar Collective, Nidhi Nair
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link