Chand Se Phool Se

चाँद से, फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिए
चाँद से, फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिए
हर तरफ़ आपका क़िस्सा है, जहाँ से सुनिए
चाँद से, फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिए

सबको आता नहीं दुनिया को सजा कर जीना
सबको आता नहीं दुनिया को सजा कर जीना

ज़िंदगी क्या है, मोहब्बत की ज़ुबाँ से सुनिए
हर तरफ़ आपका क़िस्सा है, जहाँ से सुनिए
चाँद से, फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिए

मेरी आवाज़ ही पर्दा है मेरे चेहरे का
मेरी आवाज़ ही पर्दा है मेरे चेहरे का

मैं हूँ ख़ामोश जहाँ, मुझको वहाँ से सुनिए
हर तरफ़ आपका क़िस्सा है, जहाँ से सुनिए
चाँद से, फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिए

क्या ज़रूरी है कि हर पर्दा उठाया जाए?
क्या ज़रूरी है कि हर पर्दा उठाया जाए?

मेरे हालात भी अपने ही मकाँ से सुनिए
हर तरफ़ आपका क़िस्सा है, जहाँ से सुनिए
चाँद से, फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिए



Credits
Writer(s): Jagjit Singh, Nida Fazli
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