Aaju Janakpur Mein Madwa (Mandap Geet)

आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे
आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे
आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे
आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे

हरे-हरे बँसवा के मड़वा छवत, दादा
हरे-हरे बँसवा के मड़वा छवत, दादा
चंभू के दीप जलाए, ओ, सुहावन लागे
चंभू के दीप जलाए, ओ, सुहावन लागे

आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे
आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे

इहे मड़वा तले बेटी के बाबा असना लगावे
इहे मड़वा तले बेटी के बाबा असना लगावे
सुबह-सुबह करी के बियाहवा, ओ, सुहावन लागे
सुबह-सुबह करी के बियाहवा, ओ, सुहावन लागे

आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे
आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे

मड़वा के बीचे-बीचे कलसा धरावे
मड़वा के बीचे-बीचे कलसा धरावे
सखी सब गावे मंगल गीतवा, ओ, सुहावन लागे
सखी सब गावे मंगल गीतवा, ओ, सुहावन लागे

आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे
आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे
आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे
आजु Janakpur में मड़वा, ओ, सुहावन लागे



Credits
Writer(s): Vishnu Prasad Sinha, Gokul Ji
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