Hasti Apni Hubab Ki Si Hai

हस्ती अपनी हुबाब की सी है
हस्ती अपनी हुबाब की सी है
ये नुमाइश सराब की सी है
हस्ती अपनी हुबाब की सी है

नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए?
नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए?
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है
हस्ती अपनी हुबाब की सी है

बार बार उस के दर पे जाता हूँ
बार बार उस के दर पे जाता हूँ
बार बार उस के दर पे जाता हूँ
हालत अब इज़्तिराब की सी है
हालत अब इज़्तिराब की सी है
हस्ती अपनी हुबाब की सी है

'मीर' उन नीम-बाज़ आँखों में
'मीर' उन नीम-बाज़ आँखों में
'मीर' उन नीम-बाज़ आँखों में
'मीर' उन नीम-बाज़ आँखों में
सारी मस्ती शराब की सी है
सारी मस्ती शराब की सी है
हस्ती अपनी हुबाब की सी है
ये नुमाइश सराब की सी है
हस्ती अपनी हुबाब की सी है



Credits
Writer(s): Meer Taqi Meer, Ust. Buland Iqbal Khan
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