Tu Hi Toh Mera

पहली दफ़ा हम-तुम मिले
फिर भी यकीं क्यूँ हो रहा है
दिल का मेरे, दिल से तेरे
इक वास्ता सदियों रहा है

मैंने जो तुझ को पाया
तूने जो मुझ को पाया
है ये ख़ुदा का फ़ैसला

तू ही तो मेरा, मेरा, मेरा है
बस मेरा...
तू ही तो मेरा, मेरा, मेरा है
बस मेरा...

दूरी इक पल भी तेरी
ना सह कभी सकेंगे
साँसें चलेंगी लेकिन
जी के ना जी सकेंगे

मुझ को तुझ में समाया
तुझ को मुझ में समाया
है ये ख़ुदा का फ़ैसला

तू ही तो मेरा, मेरा, मेरा है
बस मेरा...
तू ही तो मेरा, मेरा, मेरा है
बस मेरा...

सच्ची हो ग़र मोहब्बत
तो तय है ग़म मिलेंगे
लेकिन हमें यकीं था
इक दिन तो हम मिलेंगे

हम को जन्नत में लाया
हम दोनों को मिलाया
है ये ख़ुदा का फ़ैसला

तू ही तो मेरा, मेरा, मेरा है
बस मेरा...
तू ही तो मेरा, मेरा, मेरा है
बस मेरा...



Credits
Writer(s): Arafat Mehmood, Reegdeb Das
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