Darkhaast Acoustic (From "T-Series Acoustics")

लम्स जिस्मों पे ऐसे सजाए
बारिशों से भी वो धुल ना पाए
तू मेरी बाहों में दुनिया भुला दे

हो, नक़्श लमहों पे ऐसे बनाए
मुद्दतों से भी वो मिट ना पाए
तू मेरी बाहों में दुनिया भुला दे

तुझसे तो हूँ मैं यूँ बहुत मुतासिर
पर क्या करूँ? मैं हूँ एक मुसाफ़िर
कैसी खुशी है जिसमें नमी है?
जाने तू ये, या जाने ना?

कि दरख़ास्त है ये, जो आई रात है ये
तू मेरी बाहों में दुनिया भुला दे
जो अब लमहात हैं ये, बड़े ही ख़ास हैं ये
तू मेरी बाहों में दुनिया भुला दे, भुला दे

इस कदर तू मुझे प्यार कर
जिसे कभी ना मैं सकूँ फिर भुला
ज़िंदगी लाई हमें यहाँ
कोई इरादा तो रहा होगा भला

जो अब लमहात हैं ये
बड़े ही ख़ास हैं ये
तू मेरी बाहों में दुनिया भुला दे

कि दरख़ास्त है ये, जो आई रात है ये
तू मेरी बाहों में दुनिया भुला दे
भुला दे, भुला दे, भुला दे



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri, Mithoon
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