Sai Baba Dwar Tumhare Jo Bhi Maango Milta Hai

साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है
साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है

जिसने आकर अलख जगाई
उसने तेरी रहमत पाई
जो भी तेरे ध्यान में खो गए
अनपढ़ भी विद्वान तो हो गए

तेरी जादूगरी के दम से
जो हैं मुक्ति पा गए ग़म से
बाबा, गिने ना जाते हमसे, हो

साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है
साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है

जिसने आकर अलख जगाई
उसने तेरी रहमत पाई
जो भी तेरे ध्यान में खो गए
अनपढ़ भी विद्वान तो हो गए

तेरी जादूगरी के दम से
जो हैं मुक्ति पा गए ग़म से
बाबा, गिने ना जाते हमसे, हो

(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)
(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)

(जय-जय साईं, साईं राम)
(जय-जय साईं, साईं श्याम)
(जय-जय साईं, साईं राम)
(जय-जय साईं, साईं श्याम)

(ॐ साईं, ॐ साईं, ॐ साईं, ॐ साईं)

तुम्हें छलावा छल नहीं सकता, दे नहीं सकता धोखा
हे महायोगी, पास तुम्हारे सबका लेखा-जोखा
(साईं राम, जय-जय साईं राम, साईं राम, जय-जय साईं राम)
हाँ, तुम्हें छलावा छल नहीं सकता, दे नहीं सकता धोखा
हे महायोगी, पास तुम्हारे सबका लेखा-जोखा

किसकी किस्मत में है कितना
जिसे भरोसा तुम पर जितना
उसको देते हो तुम उतना, हो

(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)
(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)

(जय-जय साईं, साईं राम)
(जय-जय साईं, साईं श्याम)
(जय-जय साईं, साईं राम)
(जय-जय साईं, साईं श्याम)

गंगा से सौ डुबकी तेरा एक-दो पल का दर्शन
जनम-जनम की चिंता हरता चंद धड़ियाँ तेरा चिंतन
(साईं राम, जय-जय साईं राम, साईं राम, जय-जय साईं राम)
हाँ, गंगा से सौ डुबकी तेरा एक-दो पल का दर्शन
जनम-जनम की चिंता हरता चंद धड़ियाँ तेरा चिंतन

तेरी दया का ज़रा इशारा
ज़र्रे को कर देता सितारा
सारा जग मोहताज तुम्हारा, हो

साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है
साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है
(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)
(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)

(जय-जय साईं, साईं राम)
(जय-जय साईं, साईं श्याम)
(जय-जय साईं, साईं राम)
(जय-जय साईं, साईं श्याम)

(ॐ साईं, ॐ साईं, ॐ साईं, ॐ साईं)

पारस मणियों जैसे तेरे चरणों से जो लगता
लोहे जैसा तन भी, साईं, घड़ी में सोना बनता
(साईं राम, जय-जय साईं राम, साईं राम, जय-जय साईं राम)
हाँ, पारस मणियों जैसे तेरे चरणों से जो लगता
लोहे जैसा तन भी, साईं, घड़ी में सोना बनता

जिनके सिर पर हाथ तुम्हारा
प्यार है जिनके साथ तुम्हारा
भव-जल से हो पार तारा, हो

साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है
साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है

जिसने आकर अलख जगाई
उसने तेरी रहमत पाई
जो भी तेरे ध्यान में खो गए
अनपढ़ भी विद्वान तो हो गए

तेरी जादूगरी के दम से
जो हैं मुक्ति पा गए ग़म से
बाबा, गिने ना जाते हमसे, हो

(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)
(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)

(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)
(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)
(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)
(साईं बाबा, द्वार तुम्हारे जो भी माँगो, मिलता है)



Credits
Writer(s): Dilip Sen-sameer Sen, Balbir Nirdosh
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