O Re Kaharo (From "Begum Jaan")

ओ रे कहारो
डोली उतारो
पल भर को ठहरो तो ज़रा
दिल से लगा के
बस इक दफ़ा वे
देने दो गुड़ियों को दुआ

तेरी बिंदिया निखर के
चूड़ीया बिखर के
चुनरी में चेह्के
तेरा कजरा हो करा
गजरा हो प्यारा
अंगना तेरा महके

तेरा जियरा ये झूमे
पियारा जो चूमे
तन मन ये दमके
तोहे आंच न आये
लाज न जाए
अंग अंग ये चमके

ओ रे कहारो
डोली उतारो
छुट गयी डोरी तेरी छुट गईयाँ छयां
छुट गयी डोरी तेरी छुट गईयाँ छयां

तकिये पे तेरे तारे बिछाए
चाँद ये तेरे लिए ठुमरियां गाये
खिड़की पे तेरी रात की रानी
मूर्तियाँ लेके लोरी सुनाये
सो जा, सो जा गुडिया सो जा
अंखियों से तू ओझल हो जा

ओ री सुबह ओ अब ना जगाओ
पल भर को ठहरो तो ज़रा
नींद ये आधी, सपना ये आधा
पूरा तो होने दो ज़रा

तेरी बिंदिया निखर के
चूड़ीया बिखर के
चुनरी में चेह्के
तेरा कजरा हो करा
गजरा हो प्यारा
अंगना तेरा महके

तेरा जियरा ये झूमे
पियारा जो चूमे
तन मन ये दमके
तोहे आंच न आये
लाज न जाए
अंग अंग ये चमके

ओ रे कहारो
डोली उतारो
छुट गयी डोरी तेरी छुट गईयाँ छयां
छुट गयी डोरी तेरी छुट गईयाँ छयां

झुमके झूमर नाक की कीलें
एक एक करके उतरेंगे गहने
देती हूँ तुझको जो नज़रें चुराके
चुनरी दुआओं की ये रखना तू पहने
सो जा, सो जा गुडिया सो जा
अंखियों से तू ओझल हो जा
ओ रे कहारो
डोली उतारो

पल भर भी ठहरो अब नहीं
ना है बालाएं
ना है दुआएं
देने को है अब कुछ नहीं
तेरी बिंदिया निखर के
चूड़ीया बिखर के
चुनरी में चेह्के
तेरा कजरा हो करा
गजरा हो प्यारा
अंगना तेरा महके
तेरा जियरा ये झूमे
पियारा जो चूमे
तन मन ये दमके
तोहे आंच न आये
लाज न जाए
अंग अंग ये चमके

तेरी बिंदिया निखर के
तेरा कजरा हो करा
गजरा हो प्यारा
तेरा जियरा ये झूमे
ये दमके
तोहे आंच न आये
लाज न जाए
बिंदिया निखर के
चूड़ीया
तेरा कजरा हो करा
गजरा हो प्यारा



Credits
Writer(s): Anu Malik, Kausar Munir
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