Apne Hoton Par Sajana Chahata Hoon

अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ
अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ
आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूँ
अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ

कोई आँसू तेरे दामन पर गिरा कर
कोई आँसू तेरे दामन पर गिरा कर
बूँद को मोती बनाना चाहता हूँ
बूँद को मोती बनाना चाहता हूँ
अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ

थक गया मैं करते-करते याद तुझको
थक गया मैं करते-करते याद तुझको
अब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ
अब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ
अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ

छा रहा है सारी बस्ती में अंधेरा
छा रहा है सारी बस्ती में अंधेरा
रोशनी को घर जलाना चाहता हूँ
रोशनी को घर जलाना चाहता हूँ
अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ

आँखरी हिचकी तेरे ज़ानों पे आए
आँखरी हिचकी तेरे ज़ानों पे आए
मौत को भी शायराना चाहता हूँ
मौत को भी शायराना चाहता हूँ

अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ
आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूँ
अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ



Credits
Writer(s): Qateel Shifai, Jagjit Singh
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