Pyaar Hota Ja Raha Hain

अचानक दिल को क्यों इतना
सुकून मिल जाता है
अचानक दिल को क्यों इतना
सुकून मिल जाता है
तेरा चेहरा जब आँखों के
सामने आता है
दिल यह तेरा होने को तईयार होता जा रहा है
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे प्यार होता जा रहा है
एक दो दफा नहीं हर बार होता जा रहा है
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे प्यार होता जा रहा है

बरसी हैं मुझपे जो, दुवा बनके
वो भारीश तुम
बरसो से ठहरी हैं
जो लब पे वो, गुजारिश तुम
वो रास्ता हो तुम जो दिल से रूह तक जाता हैं
इश्क़ की मंज़िल पे लाके
जो फिर पहुँचता हैं

बातों बातों में ये क्या इकरार होता जारहा हैं
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे रोज़ प्यार होता जारहा
एक दो दफा नहीं हर बार होता जारहा हैं
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे प्यार होता जारहा

सोता नहीं हूँ मैं, रातों को ठीक से
बिन लिए इजाज़त तुम जो, खाबों में आते हो

दिनबदिन बदल रहा
तुम में हूँ मैं ढल रहा
हौले हौले तुम जो मुझमें
खुद को मिलाते हो
तुम्हे छू के हर इक लम्हा, सवार सा जाता है
तुम्हारे बिन जीना अब तो, मुझे न आता है
सारे जज़्बातों का इज़हार होता जा रहा है
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे प्यार होता जा रहा है
एक दो दफा नहीं हर बार होता जा रहा है
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे प्यार होता जा रहा है



Credits
Writer(s): Altaaf Sayyed
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