Kya Tu Jaane

आँखों में है
उगती सुबह
सुबह की धूपों में खिले तू कुछ इस तरह

तेरे दिल में हज़ारों छुपी हैं जो ख्वाहिशें
वही तो है धड़कनें तेरी
जिसे ढूँढे है तू, जिसे खोजे है तू
जिसे पंक्षी प्यासा वही ढूँढे तुझे भी

क्या तू जाने ये?
क्या तू जाने ना?
तू पहचाने ये?
या पहचाने ना?
क्या तू जाने ये?
क्या तू जाने ना?
तू पहचाने ये?
या पहचाने ना?

तू हवा का हल्का झोंका
तेज आंधी तू ही है
तू छोटा एक तिनका पर
तुझसे बढ़कर ना कोई है

तू ही दरिया है, तू ही किनारा भी
तू ही ज़मी है तू ही तू
ये आसमां भी
तुझसे ही शुरू है कहानी तेरी
पर तुझपे ना खतम ये दास्तां तेरी

जैसे हर दिन
उगती सुबह
सुबह की धूपों में खिले फिर तू इस तरह

क्या तू जाने ये?
क्या तू जाने ना?
तू पहचाने ये?
या पहचाने ना?
क्या तू जाने ये?
क्या तू जाने ना?
तू पहचाने ये?
या पहचाने ना?



Credits
Writer(s): Vipin Mishra
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