Annapoornashtakam(Nityanandakari)

नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी
निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी
प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी
मुक्ताहारविलम्बमानविलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी
काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरा काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मार्थनिष्ठाकरी
चन्द्रार्कानलभासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी
सर्वैश्वर्यकरी तपः फलकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

कैलासाचलकन्दरालयकरी गौरी उमा शङ्करी
कौमारी निगमार्थगोचरकरी ओङ्कारबीजाक्षरी
मोक्षद्वारकपाटपाटनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

दृश्यादृश्यविभूतिवाहनकरी ब्रह्माण्डभाण्डोदरी
लीलानाटकसूत्र खेलनकारी विज्ञानदीपाङ्कुरी
श्रीविश्वेशमनः प्रमोनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

आदिक्षान्तसमस्तवर्णनकरी शम्भोस्त्रि शांकरी
काश्मीरे त्रिपुरेश्वरी त्रिनयनी विश्वेश्वरी श्रीधरी
स्वर्गद्वार कवाट पटनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

उर्वीसर्वजयेश्वरी जयकरी माता कृपासागरी
नारीनीलसमानकुन्तलहरी नित्यान्नदानेश्वरी
साक्षन्मोक्षकरी सदा शुभकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

देवी सर्वविचित्ररत्नरुचिरा दाक्षायणी सुन्दरी
वावा स्वादुपयोधराप्रियकरी सौभाग्यमाहेश्वरी
भक्ताभीष्टकरी सदा शुभकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

चन्द्रार्कानलकोटिकोटिसदृशा चन्द्रांशुबिम्बाधरी
चन्द्रार्काग्निसमानकुण्डलधरी चन्द्रार्कवर्णेश्वरी
मालापुस्तकपाशसाङ्कुशधरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

क्षत्रत्राणकरी सदा शिवकरी माता कृपासागरी
साक्षान्मोक्षकरी सदा शिवकरी विश्वेश्वरश्रीधरी
दक्षाक्रन्दकरी निरामयकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी

अन्नपूर्णे सदापूर्णे शङ्करप्राणवल्लभे
ज्ञानवैराग्यसिद्ध्यर्थं भिक्षां देहि च पार्वति

माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वरः
बान्धवाः शिवभक्ताश्च स्वदेशो भुवनत्रयम्
...स्वदेशो भुवनत्रयम्



Credits
Writer(s): Traditional
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