Mere Antar Locha Milan Ki

Wadhans mehl fifth
वडहसं महला ५
मेरे अतंर लोचां मिलन की प्यारे मिलन की प्यारे
हंउ क्यो पाईं गुरु पूरे, क्यो पाईं गुरु पूरे।
मेरे अतंर लोचां मिलन की प्यारे मिलन की प्यारे।
हंउ क्यो पाईं गुरु पूरे, क्यो पाईं गुरु पूरे।
जे सौ खेल खिलाइए बालक रह न सके बिन खीरे (२)
मेरे अतंर लोचां मिलन की प्यारे मिलन की प्यारे।
हंउ क्यो पाईं गुरु पूरे, क्यो पाईं गुरु पूरे।
मेरे अतंर भुख न उतरे अमाली जे सौ भोजन मैं लीरे। (२)
मेरे अतंर लोचां मिलन की प्यारे मिलन की प्यारे।
हंउ क्यो पाईं गुरु पूरे, क्यो पाईं गुरु पूरे।
मेरे मन तन प्रेम पिरम का बिन दरशन क्यौं मन धीरे। (२)
मेरे अतंर लोचां मिलन की प्यारे मिलन की प्यारे।
हंउ क्यो पाईं गुरु पूरे, क्यो पाईं गुरु पूरे।
जे सौ खेल खिलाइए बालक रह न सके बिन खीरे।(२)
मेरे अतंर लोचां मिलन की प्यारे मिलन की प्यारे।
हंउ क्यो पाईं गुरु पूरे, क्यो पाईं गुरु पूरे।



Credits
Writer(s): Traditional, Bhai Ravinder Singh
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