Suna Hai Log

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है लोग
सुना है लोग
सुना है लोग

सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से
सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है लोग
सुना है लोग
सुना है लोग

सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है लोग
सुना है लोग
सुना है लोग

रुके तो गर्दिशें उस का तवाफ़ करती हैं
रुके तो गर्दिशें उस का तवाफ़ करती हैं
चले तो उस को ज़माने ठहर के देखते हैं
चले तो उस को ज़माने ठहर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
आँख भर के देखते हैं
आँख भर के देखते हैं



Credits
Writer(s): Ahmad Faraz, Siraj Khan
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link