Jahan Dal Dal Pe Sone Ki Chidiya - From "Sikander-e-Azam"

गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा
गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः

जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा
(जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा)
(वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा)

जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा
(जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती)

ये धरती वो जहाँ ऋषि-मुनि, जपते प्रभु नाम की माला
(हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ, हरि ॐ)
जहाँ हर बालक इक मोहन है और राधा इक इकबाला
और राधा इक इकबाला

जहाँ सूरज सबसे पहले आकर डाले अपना डेरा
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा

जहाँ गंगा, जमुना, कृष्ण और कावेरी बहती जाएँ
जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम को अमृत पिलवाएँ
ये अमृत पिलवाएँ

कहीं ये फल और फूल उगाए, केशर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा

अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले

कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले

कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले
होली के कहीं मेले

जहाँ राग-रंग और हँसी-ख़ुशी का चारों ओर है घेरा
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा

(जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा)
(वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा)

जहाँ आसमान से बातें करते मंदिर और शिवालय

किसी नज़र में, किसी द्वार पर कोई ना ताला डाले
कोई ना ताला डाले

और प्रेम की बंशी जहाँ बजाता आए शाम-सवेरा
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा

जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा
(जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती)



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Hansraj Behl
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