Bhuli Huyee Kahaniyan

भूली हुईं कहानियाँ, भूली हुईं कहानियाँ
भूली हुईं कहानियाँ, भूली हुईं कहानियाँ
ओ-हो, ये यादों की परछाई, हर बीते दिन की लाई
वो झिलमिल-झिलमिल सारी निशानियाँ

भूली हुईं कहानियाँ, भूली हुईं कहानियाँ
ओ-हो, ये यादों की परछाई, हर बीते दिन की लाई
वो झिलमिल-झिलमिल सारी निशानियाँ
भूली हुईं कहानियाँ, भूली हुईं कहानियाँ

कल थीं ये आँखें ख़ुदा की किताब
कल थीं ये आँखें ख़ुदा की किताब
छलके अब इनसे शराब ही शराब
तोड़े हैं किस ने ये भोले-भाले ख़्वाब
भोले-भाले ख़्वाब

ओ-हो, ये यादों की पुरवाई, हर बीते दिन की लाई
वो झिलमिल-झिलमिल सारी निशानियाँ
भूली हुईं कहानियाँ, भूली हुईं कहानियाँ
भूली हुईं कहानियाँ, भूली हुईं कहानियाँ

चारों तरफ़ था बहारों का नूर
चारों तरफ़ था बहारों का नूर
मासूम बचपन था काँटों से दूर
अब ये ख़िज़ाँएँ हैं किस का क़ुसूर
किस का क़ुसूर

ओ-हो, ये यादों की रुसवाई, हर बीते दिन की लाई
वो झिलमिल-झिलमिल सारी निशानियाँ
भूली हुईं कहानियाँ, भूली हुईं कहानियाँ

ओ-हो, ये यादों की परछाई, हर बीते दिन की लाई
वो झिलमिल-झिलमिल सारी निशानियाँ
भूली हुईं कहानियाँ, भूली हुईं कहानियाँ
भूली हुईं कहानियाँ, भूली हुईं कहानियाँ



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Farooq Qaiser
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