Kisko Kahe Hum Apna

किसको कहें हम अपना, लोगों का हो खुदारा
किसको कहें हम अपना, लोगों का हो खुदारा
दुश्मन से बढ़ के निकला जो यार था हमारा
जो यार था हमारा

किसको कहें हम अपना, लोगों का हो खुदारा
दुश्मन से बढ़ के निकला जो यार था हमारा
जो यार था हमारा

चाहे जो हमको लूटे, ऐसे तो हम नहीं थे
दुश्मन भी जानते हैं हम कम नहीं किसी से
चाहे जो हमको लूटे, ऐसे तो हम नहीं थे
दुश्मन भी जानते हैं हम कम नहीं किसी से

पर क्या करें के उसने अपना बना के मारा
दुश्मन से बढ़ के निकला जो यार था हमारा
जो यार था हमारा

इक और भी है जिसने खाकर वफ़ा की क़स्में
ज़ालिम ने तोड़ डाली सब दोस्ती की रशमें
इक और भी है जिसने खाकर वफ़ा की कस्में
ज़ालिम ने तोड़ डाली सब दोस्ती की रशमें

नादां हैं हम जो समझे अपना उसे दोबारा
दुश्मन से बढ़ के निकला जो यार था हमारा
जो यार था हमारा

हमको क़सम है अब जो उसकी गली में जाए
तौबा है उस तरफ जो हम आँख भी उठाए
तुम देखो या ना देखो, ये दिखती यार तुमको
दिखलायेंगे तमासा अब हम भी यार तुमको

खुल कर कहो मेरी जां, करते हो क्या इशारा
दुश्मन से बढ़ के निकला जो यार था हमारा
जो यार था हमारा

किसको कहे हम अपना, लोगों का हो खुदारा
दुश्मन से बढ़ के निकला जो यार था हमारा
जो यार था हमारा



Credits
Writer(s): Usha Khanna, Majrooh Sultanpuri
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