Tu Mere Samne Hai Revival (Original)

तू मेरे सामने है, तेरी ज़ुल्फ़ें हैं खुली
तेरा आँचल है ढला, मैं भला होश में कैसे रहूँ?

तू मेरे सामने है, तेरी ज़ुल्फ़ें हैं खुली
तेरा आँचल है ढला, मैं भला होश में कैसे रहूँ?
तू मेरे सामने है

तेरी आँखें तो छलकते हुए पैमाने हैं
और तेरे होंठ लरज़ते हुए मैख़ाने हैं
मेरे अरमान इसी बात पे दीवाने हैं

मैं भला होश में कैसे रहूँ? कैसे रहूँ?
तू मेरे सामने है

तू जो हँसती है तो बिजली सी चमक जाती है
तेरी साँसों से गुलाबों की महक आती है
तू जो चलती है तो क़ुदरत भी बहक जाती है

मैं भला होश में कैसे रहूँ? कैसे रहूँ?
तू मेरे सामने है, तेरी ज़ुल्फ़ें हैं खुली
तेरा आँचल है ढला, मैं भला होश में कैसे रहूँ?
तू मेरे साम...



Credits
Writer(s): Jaipuri Hasrat, Madan Mohan
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