Ek Baar

एक बार कभी यूँ भी
एक रात गुज़ारो तुम
आँखों में तेरी खो कर
हो जाऊँ कहीं मैं गुम

एक बार कभी यूँ भी
एक वादा कर दो तुम
थोड़ा सा हँसा देना
हो आँख मेरी जब नम

एक बार कभी यूँ भी
एक बात मेरी मानो
मैं जो भी कहूँ तुमसे
वो मान लो हँस के तुम

एक बार कभी यूँ भी
एक रात गुज़ारो तुम
आँखों में तेरी खो कर
हो जाऊँ कहीं मैं गुम

जो उम्र सा लंबा हो
वो लम्हा बन जाओ
यूँ भी कभी मुझसे मिलो
फिर दूर नहीं जाओ

मैं रात का टुकड़ा हूँ
तुम धूप हो सुबह की
छू कर मुझे दुनिया मेरी
तुम रोशन कर जाओ

एक बार ज़रा सुन लो
क्या मेरे लिए हो तुम
मैं बंजर एक धरती
तुम बारिश का मौसम

एक बार कभी यूँ भी
एक बार मेरी बात मानो
मैं जो भी कहूँ तुमसे
वो मान लो हँस के तुम

एक बार कभी यूँ भी
एक रात गुज़ारो तुम
आँखों में तेरी खो कर
हो जाऊँ कहीं मैं गुम



Credits
Writer(s): Vijay Vijawatt, Harish Subhash Sagane
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