Samajh Kar Chand Jis Ko (From "Baazigar")

समझ कर चाँद जिस को आसमाँ ने दिल में रखा है
समझ कर चाँद जिस को आसमाँ ने दिल में रखा है
मेरे महबूब की टूटी हुई चूड़ी का टुकड़ा है
मेरे महबूब की टूटी हुई चूड़ी का टुकड़ा है

तेरे मेहँदी लगे हाथों में जब चूड़ी खनकती है
तो इस गोरी कलाई में ये दिल बन के धड़कती है
ये दिल बन के धड़कती है, ये दिल बन के धड़कती है

ये चूड़ी आशिक़ों को प्यार के नग़में सुनाती है
सुहानी रात की खामोशियों में हीर गाती है
ये चूड़ी हीर गाती है, ये चूड़ी हीर गाती है

ज़मीं पर जो उतर आया, ये वो जन्नत का नग़मा है
समझ कर चाँद जिस को आसमाँ ने दिल में रखा है
मेरे महबूब की टूटी हुई चूड़ी का टुकड़ा है
मेरी नज़रों से देखो तो वो मेरे दिल का टुकड़ा है

मेरे महबूब जैसा इस ज़माने में नहीं कोई
दीया लेके भी ढूँढो तो नहीं ऐसा हसीं कोई
नहीं ऐसा हसीं कोई, नहीं ऐसा हसीं कोई

कभी टूटे से टूटे ना हमारे प्यार की डोरी
तेरी चाहत ही बस मेरे लिए अनमोल है गोरी
बड़ी अनमोल है गोरी, बड़ी अनमोल है गोरी

जुदा हम-तुम नहीं होंगे, हमारा तुम से वादा है
समझ कर चाँद जिस को आसमाँ ने दिल में रखा है
मेरी नज़रों से देखो तो वो मेरे दिल का टुकड़ा है
मेरे महबूब की टूटी हुई चूड़ी का टुकड़ा है



Credits
Writer(s): Anu Malik, Zameer Kazmi
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