Zakhm Bhar Jayenge

ज़ख़्म भर जाएँगे, अफ़साना कहा जाएगा
ज़ख़्म भर जाएँगे, अफ़साना कहा जाएगा
तुमको पत्थर, मुझे दीवाना कहा जाएगा
तुमको पत्थर, मुझे दीवाना कहा जाएगा
ज़ख़्म भर जाएँगे...

आज दो बूँद को तरसाए हुए हैं दुनिया
आज दो बूँद को तरसाए हुए हैं दुनिया

कल मेरी प्यास को पैमाना कहा जाएगा
कल मेरी प्यास को पैमाना कहा जाएगा
ज़ख़्म भर जाएँगे...

तुमको एहसान जताना है तो हम जाते हैं
तुमको एहसान जताना है तो हम जाते हैं

हमसे दो घूँट को दरिया ना कहा जाएगा
हमसे दो घूँट को दरिया ना कहा जाएगा
ज़ख़्म भर जाएँगे...

एक नज़र दिल की तरफ़ देख ले जाते-जाते
एक नज़र दिल की तरफ़ देख ले जाते-जाते

कल इस शहर को वीराना कहा जाएगा
कल इस शहर को वीराना कहा जाएगा
ज़ख़्म भर जाएँगे...

इश्क़ की रस्म ज़माने से अलग है, क़ैसर
इश्क़ की रस्म ज़माने से अलग है, क़ैसर

होश में आए तो दीवाना कहा जाएगा
होश में आए तो दीवाना कहा जाएगा
ज़ख़्म भर जाएँगे, अफ़साना कहा जाएगा
तुमको पत्थर, मुझे दीवाना कहा जाएगा
ज़ख़्म भर जाएँगे...



Credits
Writer(s): Sardar Malik
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